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मेघदूत[1] के अनुसार गंधवती नदी उज्जयिनी के चंडेश्वर नामक स्थान के निकट बहती थी।[2] जान पड़ता है कि कालिदास के समय में प्रसिद्ध नदी शिप्रा की ही एक शाखा का नाम गंधवती था। संभव है की पूजा में अर्पित पुष्पादि सुगंधित द्रव्यों के कारण शिप्रा का पानी सुवासित जान पड़ता हो और इसीलिए इसका नाम गंधवती हुआ हो।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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