कनका नदी भारत की प्राचीन नदियों में से एक, जो श्राद्ध आदि कर्म के लिए अति पवित्र मानी जाती है। मुण्डप्रस्थ पर्वत पर तपस्या करते समय लोमश ऋषि ने बहुत-सी नदियों के साथ इसका भी आह्वान किया था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संपादन: राणा प्रसाद शर्मा |पृष्ठ संख्या: 81 |