लंघती गोमती के निकट की कोई नदी थी, जिसका अभिज्ञान अनिश्चित है। इस नदी का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है[1]-
'लंघती गोमती चैव संध्या त्रिस्रोतसी तथा, एताश्चान्याश्च राजेन्द्र सुतीर्था लोकविश्रुता:।'[2]
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लंघती गोमती के निकट की कोई नदी थी, जिसका अभिज्ञान अनिश्चित है। इस नदी का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है[1]-
'लंघती गोमती चैव संध्या त्रिस्रोतसी तथा, एताश्चान्याश्च राजेन्द्र सुतीर्था लोकविश्रुता:।'[2]
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