- आकाशगंगा नदी का बदरिकाश्रम के निकट उल्लेख है।[1]
- जिससे यह गंगा नदी की अलकनंदा नाम की शाखा जान पड़ती है।
- पौराणिक किंवदंती में गंगा को आकाश मार्ग से जाने वाली नदी माना जाता था।
- बदरिकाश्रम के निकट, महाभारत में, जिस वैहायसह्रद का उल्लेख है वह आकाशगंगा या अलकंनदा का ही स्रोत जान पड़ता है।[2]