"गीता 3:25": अवतरणों में अंतर
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हे < | हे भारत<ref>पार्थ, भारत, धनज्जय, पृथापुत्र, परन्तप, गुडाकेश, निष्पाप, महाबाहो सभी [[अर्जुन]] के सम्बोधन है।</ref> ! कर्म में आसक्त हुए अज्ञानीजन जिस प्रकार कर्म करते हैं, आसक्ति रहित विद्वान् भी लोक संग्रह करना चाहता हुआ उसी प्रकार कर्म करे ।।25।। | ||
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==संबंधित लेख== | |||
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10:38, 4 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-3 श्लोक-25 / Gita Chapter-3 Verse-25
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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