"गीता 3:36": अवतरणों में अंतर
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'''अथ केन प्रयुक्तोऽयं पापं चरति | '''अथ केन प्रयुक्तोऽयं पापं चरति पूरुष: ।'''<br /> | ||
'''अनिच्छन्नपि वार्ष्णेय बलादिव नियोजित: ।।36।।''' | '''अनिच्छन्नपि वार्ष्णेय बलादिव नियोजित: ।।36।।''' | ||
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वार्ष्णेंय = हे कृष्ण; अथ = फिर; अयम् = यह; | वार्ष्णेंय = हे कृष्ण; अथ = फिर; अयम् = यह; पूरुष: = पुरुष; बलात् = बलात्कार से; नियोजित: = लगाये हुए के; इव = सदृश; अनिच्छन् =न चाहता हुआ; अपि = भी; केन = किससे; प्रयुक्त: = प्रेरा हुआ; पापम् = पापका; चरति = आचरण करता है। | ||
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08:02, 20 जुलाई 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-3 श्लोक-36 / Gita Chapter-3 Verse-36
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