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11:08, 29 जून 2012 का अवतरण

पृथ्वी के लगभग 71 प्रतिशत भाग पर सागर फैले हुए हैं। विश्व के महासागरों एवं सागरों का क्षेत्रफल 367 मिलियन वर्ग किलोमीटर है, जो मंगल ग्रह के क्षेत्रफल का दो गुना तथा चाँद के क्षेत्रफल का नौ गुणा है। विश्व का लगभग 98 प्रतिशत जल सागरों में, लगभग 2 प्रतिशत नदियों, झीलों, भूगर्त तथा मिट्टी में है। जल की बहुतायत के कारण पृथ्वी को 'जल ग्रह' (Water Planet) कहा जाता है। यदि पृथ्वी के उच्चावच को सागर में डालकर समतल कर दिया जाए तो पूरी पृथ्वी पर सागर की गहराई लगभग 2.25 किलोमीटर होगी। जल के कारण ही पृथ्वी पर जीवन सम्भव हो सका। पृथ्वी के 70.8 प्रतिशत पर महासागर एवं सागर फैले हुए हैं। विश्व के पाँच महासागर हैं, जिनके नाम-

  1. प्रशांत महासागर (Pacific Ocean)
  2. अंध महासागर (Atlantic Ocean)
  3. हिंद महासागर (Indian Ocean)
  4. आर्किटक महासागर (Arctic Ocean)
  5. अंटार्किटक अथवा दक्षिणी महासागर (Antarctic or Southern Ocean)

महासागरों के अधिकतर तल बाद में बने हुए हैं, जिनकी आयु आठ करोड़ वर्ष से कम है। यूरेशिया तथा अफ्रीकी प्लेटों के एक दूसरे के निकट आने तथा टकराने (Collision) से आज के महाद्वीपों तथा महासागरों का स्वरूप बना।


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