"गीता 3:3": अवतरणों में अंतर
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'''श्रीभगवान् बोले-''' | '''श्रीभगवान् बोले-''' | ||
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हे < | हे निष्पाप<ref>पार्थ, भारत, धनज्जय, पृथापुत्र, परन्तप, गुडाकेश, निष्पाप, महाबाहो सभी [[अर्जुन]] के सम्बोधन है।</ref> ! इस लोक में दो प्रकार की निष्ठा मेरे द्वारा पहले वर्णन की गयी है। उनमें से सांख्य योगियों की निष्ठा तो ज्ञान योग से और योगियों की निष्ठा कर्मयोग से होती है ।।3।। | ||
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==संबंधित लेख== | |||
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09:40, 4 जनवरी 2013 का अवतरण
गीता अध्याय-3 श्लोक-3 / Gita Chapter-3 Verse-3
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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