"गीता 3:43": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "बुद्वि" to "बुद्धि") |
||
पंक्ति 26: | पंक्ति 26: | ||
|- | |- | ||
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | | style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | ||
एवम् = इस प्रकार; परम् =परे अर्थात सूक्ष्म तथा सब प्रकार बलवान् और श्रेष्ठ अपने आत्मा को; बुद्ध्वा = जानकर (और); आत्मना = | एवम् = इस प्रकार; परम् =परे अर्थात सूक्ष्म तथा सब प्रकार बलवान् और श्रेष्ठ अपने आत्मा को; बुद्ध्वा = जानकर (और); आत्मना = बुद्धि के द्वारा; आत्मानम् =मनको; संस्तभ्य = वश में करके; महाबबो = हे महाबाहो (अपनी शक्ति से समझकर इस); दुरासदम् = दुर्जय; कामरूपम् = कामरूप; शत्रुम् = शत्रु को; जहि = मार | ||
|- | |- | ||
|} | |} |
08:17, 15 सितम्बर 2017 का अवतरण
गीता अध्याय-3 श्लोक-43 / Gita Chapter-3 Verse-43
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
||||