"गोमती नदी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
[[चित्र:Gomti-River.jpg|thumb|गोमती नदी]]
 
[[चित्र:Gomti-River.jpg|thumb|गोमती नदी]]
*यह नदी [[उत्तर प्रदेश]] में स्थित [[पीलीभीत]] के दलदली क्षेत्र से निकलती है। यहाँ से यह [[शाहजहाँपुर ज़िला|शाहजहाँपुर]], [[खीरी ज़िला|खीरी]], [[सीतापुर ज़िला|सीतापुर]], [[लखनऊ ज़िला|लखनऊ]], [[सुल्तानपुर ज़िला|सुल्तानपुर]], एवं [[जौनपुर ज़िला|जौनपुर]] आदि ज़िलों में बहती हुई [[गाजीपुर ज़िला|गाजीपुर]] के निकट [[गंगा नदी]] में मिल जाती है।  
+
*यह नदी [[उत्तर प्रदेश]] में स्थित पीलीभीत के दलदली क्षेत्र से निकलती है। यहाँ से यह [[शाहजहाँपुर]], [[खीरी]], [[सीतापुर]], [[लखनऊ]], [[सुल्तानपुर]], एवं [[जौनपुर]] आदि ज़िलों में बहती हुई [[गाजीपुर]] के निकट [[गंगा नदी]] में मिल जाती है।  
 
*गोमती नदी का भी [[पुराण|पुराणों]] में बहुत उल्लेख है।
 
*गोमती नदी का भी [[पुराण|पुराणों]] में बहुत उल्लेख है।
 
*पौराणिक [[युग]] में यह विश्वास था कि [[वाराणसी]] क्षेत्र की सीमा गोमती से बरना तक थी। इस ज़िले में पहुंचने के पहले गोमती का पाट सई के मिलने से बढ़ जाती है।  
 
*पौराणिक [[युग]] में यह विश्वास था कि [[वाराणसी]] क्षेत्र की सीमा गोमती से बरना तक थी। इस ज़िले में पहुंचने के पहले गोमती का पाट सई के मिलने से बढ़ जाती है।  
 
*नदी ज़िले के उत्तर में सुल्तानीपुर से घुसती है और वहां से 22 मील तक अर्थात कैथी में गंगा से संगम होने तक यह ज़िले की उत्तरी सरहद बनाती है। नदी का बहाव टेढ़ा-मेढ़ा है और इसके किनारे कहीं और कहीं ढालुएं हैं।  
 
*नदी ज़िले के उत्तर में सुल्तानीपुर से घुसती है और वहां से 22 मील तक अर्थात कैथी में गंगा से संगम होने तक यह ज़िले की उत्तरी सरहद बनाती है। नदी का बहाव टेढ़ा-मेढ़ा है और इसके किनारे कहीं और कहीं ढालुएं हैं।  
*इसकी सहायक नदियों में [[सई नदी|सई]] प्रमुख है।  
+
*इसकी सहायक नदियों में [[सई]] प्रमुख है।  
  
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}

12:41, 4 अगस्त 2011 का अवतरण

गोमती नदी
  • यह नदी उत्तर प्रदेश में स्थित पीलीभीत के दलदली क्षेत्र से निकलती है। यहाँ से यह शाहजहाँपुर, खीरी, सीतापुर, लखनऊ, सुल्तानपुर, एवं जौनपुर आदि ज़िलों में बहती हुई गाजीपुर के निकट गंगा नदी में मिल जाती है।
  • गोमती नदी का भी पुराणों में बहुत उल्लेख है।
  • पौराणिक युग में यह विश्वास था कि वाराणसी क्षेत्र की सीमा गोमती से बरना तक थी। इस ज़िले में पहुंचने के पहले गोमती का पाट सई के मिलने से बढ़ जाती है।
  • नदी ज़िले के उत्तर में सुल्तानीपुर से घुसती है और वहां से 22 मील तक अर्थात कैथी में गंगा से संगम होने तक यह ज़िले की उत्तरी सरहद बनाती है। नदी का बहाव टेढ़ा-मेढ़ा है और इसके किनारे कहीं और कहीं ढालुएं हैं।
  • इसकी सहायक नदियों में सई प्रमुख है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख