"प्रांगण:मुखपृष्ठ/इतिहास" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
<span style="background:white">
 
<span style="background:white">
 
♦ यहाँ आप भारत के इतिहास से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। <br />  
 
♦ यहाँ आप भारत के इतिहास से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। <br />  
♦ भारतीय इतिहास जानने के स्त्रोत को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता हैं- '''साहित्यिक साक्ष्य, विदेशी यात्रियों का विवरण और पुरातत्व सम्बन्धी साक्ष्य''' ।
+
♦ भारतीय इतिहास जानने के स्त्रोत को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता हैं- साहित्यिक साक्ष्य, विदेशी यात्रियों का विवरण और पुरातत्व सम्बन्धी साक्ष्य।
 
</span>
 
</span>
 
| valign="middle" style="width:20%" |
 
| valign="middle" style="width:20%" |
पंक्ति 14: पंक्ति 14:
 
| valign="top" style="width:40%"|
 
| valign="top" style="width:40%"|
 
<span style="background:white">
 
<span style="background:white">
♦ भारत में मानव का सबसे पहला प्रमाण केरल से मिला है जो '''सत्तर हज़ार साल पुराना होने की संभावना''' है। जिसका आधार अफ़्रीक़ा के प्राचीन मानव से जैविक गुणसूत्रों (जीन्स) का मिलना है।
+
♦ भारत में मानव का सबसे पहला प्रमाण केरल से मिला है जो '''सत्तर हज़ार साल पुराना होने की संभावना''' है। जिसका आधार अफ़्रीक़ा के प्राचीन मानव से जैविक गुणसूत्रों (जीन्स) का मिलना है।<br />
 
♦ यह काल वह है जब अफ़्रीक़ा से आदि मानव ने विश्व के अनेक हिस्सों में बसना प्रारम्भ किया जो पचास से सत्तर हज़ार साल पहले का माना जाता है।  
 
♦ यह काल वह है जब अफ़्रीक़ा से आदि मानव ने विश्व के अनेक हिस्सों में बसना प्रारम्भ किया जो पचास से सत्तर हज़ार साल पहले का माना जाता है।  
 
</span>
 
</span>
पंक्ति 34: पंक्ति 34:
 
*इस काल के भारतीय इतिहास की सबसे प्रमुख घटना है- '''भारत में राष्ट्रवादी भावना का उदय''' और [[1947]] ई. में भारत की स्वाधीनता के रूप में अंतिम विजय।
 
*इस काल के भारतीय इतिहास की सबसे प्रमुख घटना है- '''भारत में राष्ट्रवादी भावना का उदय''' और [[1947]] ई. में भारत की स्वाधीनता के रूप में अंतिम विजय।
 
*स्वाधीन भारत को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, वे सरल नहीं थीं। उसे सबसे पहले साम्प्रदायिक उन्माद को शान्त करना था। भारत ने जानबूझकर धर्म निरपेक्ष राज्य बनना पसंद किया। '''[[भारत का इतिहास|.... और पढ़ें]]'''
 
*स्वाधीन भारत को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, वे सरल नहीं थीं। उसे सबसे पहले साम्प्रदायिक उन्माद को शान्त करना था। भारत ने जानबूझकर धर्म निरपेक्ष राज्य बनना पसंद किया। '''[[भारत का इतिहास|.... और पढ़ें]]'''
 +
|-
 +
| class="headbg16" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''चयनित लेख'''</span></div>
 +
----
 +
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[अशोक|अशोक महान]]'''</div>
 +
<div id="rollnone"> [[चित्र:Ashoka.jpg|right|100px|अशोक|link=अशोक]] </div>
 +
*अशोक महान प्राचीन भारत में [[मौर्य वंश|मौर्य राजवंश]] का राजा था। '''अशोक का 'देवनाम प्रिय' एवं 'प्रियदर्शी' आदि नामों''' से भी उल्लेख किया जाता है।
 +
*अशोक प्राचीन भारत के मौर्य सम्राट [[बिंदुसार]] का पुत्र था। जिसका जन्म लगभग 304 ई. पूर्व में माना जाता है।
 +
*सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य के बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए जाना जाता है।
 +
*[[भारत]] के अन्दर अशोक एक विजेता रहा। '''उसने खस, [[नेपाल]] को विजित किया और [[तक्षशिला]] के विद्रोह का शान्त''' किया।
 +
*[[अशोक के शिलालेख|अशोक के शिलालेखों]] तथा स्तंभलेखों से अशोक के साम्राज्य की सीमा की ठीक जानकारी प्राप्त होती है।
 +
*अशोक ने [[बौद्ध धर्म]] ग्रहण किया, इस धर्म के उपदेशों को न केवल देश में वरन विदेशों में भी प्रचारित करने के लिए प्रभावशाली क़दम उठाए।
 +
*मौर्य राज्य सभा में सभी धर्मों के विद्वान भाग लेते थे, जैसे- ब्राह्मण, दार्शनिक, निग्रंथ, आजीवक, बौद्ध तथा यूनानी दार्शनिक।
 +
*संसार के इतिहास में अशोक इसलिए विख्यात है क्योंकि उसने निरन्तर मानव की नैतिक उन्नति के लिए प्रयास किया।  '''[[अशोक|.... और पढ़ें]]'''
 
|-
 
|-
 
| class="headbg16" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''चयनित लेख'''</span></div>  
 
| class="headbg16" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''चयनित लेख'''</span></div>  
पंक्ति 45: पंक्ति 58:
 
*अकबर की पहली पत्नी और युवराज [[सलीम]] की माँ का मूल नाम अज्ञात है। वह अपने वास्तविक नाम से नहीं अपनी उपाधि '''मरियम ज़मानी''' के नाम से प्रसिद्ध रही थी।  
 
*अकबर की पहली पत्नी और युवराज [[सलीम]] की माँ का मूल नाम अज्ञात है। वह अपने वास्तविक नाम से नहीं अपनी उपाधि '''मरियम ज़मानी''' के नाम से प्रसिद्ध रही थी।  
 
*सम्राट अकबर अपनी योग्यता, वीरता, बुद्धिमत्ता और शासन−कुशलता के कारण ही एक बड़े साम्राज्य का निर्माण कर सका था।  
 
*सम्राट अकबर अपनी योग्यता, वीरता, बुद्धिमत्ता और शासन−कुशलता के कारण ही एक बड़े साम्राज्य का निर्माण कर सका था।  
*अकबर के '''दरबार में 9 विशेष दरबारी थे जिन्हें अकबर के नवरत्न''' के नाम से भी जाना जाता है।  '''[[भारत का इतिहास|.... और पढ़ें]]'''
+
*अकबर के '''दरबार में 9 विशेष दरबारी थे जिन्हें अकबर के नवरत्न''' के नाम से भी जाना जाता है।  '''[[अकबर|.... और पढ़ें]]'''
 
|-
 
|-
 
| style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px; background:#f3f2ef" valign="top" |  
 
| style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px; background:#f3f2ef" valign="top" |  

08:16, 4 दिसम्बर 2010 का अवतरण

साँचा:प्रांगण

♦ यहाँ आप भारत के इतिहास से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
♦ भारतीय इतिहास जानने के स्त्रोत को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता हैं- साहित्यिक साक्ष्य, विदेशी यात्रियों का विवरण और पुरातत्व सम्बन्धी साक्ष्य।

इतिहास मुखपृष्ठ

Itihas-menu.gif

♦ भारत में मानव का सबसे पहला प्रमाण केरल से मिला है जो सत्तर हज़ार साल पुराना होने की संभावना है। जिसका आधार अफ़्रीक़ा के प्राचीन मानव से जैविक गुणसूत्रों (जीन्स) का मिलना है।
♦ यह काल वह है जब अफ़्रीक़ा से आदि मानव ने विश्व के अनेक हिस्सों में बसना प्रारम्भ किया जो पचास से सत्तर हज़ार साल पहले का माना जाता है।

विशेष आलेख

अस्त्र, मोहनजोदाड़ो 3000 ई.पू.
  • भारत का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से आरम्भ होता है। 3000 ई. पूर्व तथा 1500 ई. पूर्व के बीच सिंधु घाटी में एक उन्नत सभ्यता वर्तमान थी, जिसके अवशेष मोहन जोदड़ो (मुअन-जो-दाड़ो) और हड़प्पा में मिले हैं।
  • प्राचीन भारतीयों ने कोई तिथि क्रमानुसार इतिहास नहीं सुरक्षित रखा है। सबसे प्राचीन सुनिश्चित तिथि जो हमें ज्ञात है, 326 ई. पू. है, जब मक़दूनिया के राजा सिकन्दर ने भारत पर आक्रमण किया।
  • अठारहवीं शताब्दी के शुरू में अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कम्पनी ने बम्बई (मुम्बई), मद्रास (चेन्नई) तथा कलकत्ता (कोलकाता) पर क़ब्ज़ा कर लिया।
  • ईस्ट इंडिया कम्पनी के शासन काल में भारत का प्रशासन एक के बाद एक बाईस गवर्नर-जनरलों के हाथों में रहा। इस काल के भारतीय इतिहास की सबसे उल्लेखनीय घटना यह है कि कम्पनी युद्ध तथा कूटनीति के द्वारा भारत में अपने साम्राज्य का विस्तार करती रही।
  • इस काल के भारतीय इतिहास की सबसे प्रमुख घटना है- भारत में राष्ट्रवादी भावना का उदय और 1947 ई. में भारत की स्वाधीनता के रूप में अंतिम विजय।
  • स्वाधीन भारत को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, वे सरल नहीं थीं। उसे सबसे पहले साम्प्रदायिक उन्माद को शान्त करना था। भारत ने जानबूझकर धर्म निरपेक्ष राज्य बनना पसंद किया। .... और पढ़ें
चयनित लेख

अशोक
  • अशोक महान प्राचीन भारत में मौर्य राजवंश का राजा था। अशोक का 'देवनाम प्रिय' एवं 'प्रियदर्शी' आदि नामों से भी उल्लेख किया जाता है।
  • अशोक प्राचीन भारत के मौर्य सम्राट बिंदुसार का पुत्र था। जिसका जन्म लगभग 304 ई. पूर्व में माना जाता है।
  • सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य के बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए जाना जाता है।
  • भारत के अन्दर अशोक एक विजेता रहा। उसने खस, नेपाल को विजित किया और तक्षशिला के विद्रोह का शान्त किया।
  • अशोक के शिलालेखों तथा स्तंभलेखों से अशोक के साम्राज्य की सीमा की ठीक जानकारी प्राप्त होती है।
  • अशोक ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया, इस धर्म के उपदेशों को न केवल देश में वरन विदेशों में भी प्रचारित करने के लिए प्रभावशाली क़दम उठाए।
  • मौर्य राज्य सभा में सभी धर्मों के विद्वान भाग लेते थे, जैसे- ब्राह्मण, दार्शनिक, निग्रंथ, आजीवक, बौद्ध तथा यूनानी दार्शनिक।
  • संसार के इतिहास में अशोक इसलिए विख्यात है क्योंकि उसने निरन्तर मानव की नैतिक उन्नति के लिए प्रयास किया। .... और पढ़ें
चयनित लेख

अकबर
  • मुग़ल सम्राट जलालउद्दीन मुहम्मद अकबर का शासनकाल सन 1556 से 1605 ई. तक है। ये मुग़ल राज्य के संस्थापक बाबर का पौत्र तथा हुमायूँ का पुत्र था।
  • अकबर का जन्म 23 नवंबर, 1542 अमरकोट, सिंध प्रांत, पाकिस्तान में हुआ था।
  • अकबर के शासनकाल के आरंभिक 5 वर्ष में उसके संरक्षक बैरमख़ाँ का प्रभुत्व था। अकबर को बैरमख़ाँ की कठोर नीति कतई पंसद नहीं थी।
  • बैरमख़ाँ के अनुशासन से मुक्त होते ही अकबर ने उदार नीति से शासन करना आरंभ किया। उसने शेरशाह का अनुकरण करते हुए हिन्दुओं के साथ सदव्यवहार किया।
  • अकबर की पहली पत्नी और युवराज सलीम की माँ का मूल नाम अज्ञात है। वह अपने वास्तविक नाम से नहीं अपनी उपाधि मरियम ज़मानी के नाम से प्रसिद्ध रही थी।
  • सम्राट अकबर अपनी योग्यता, वीरता, बुद्धिमत्ता और शासन−कुशलता के कारण ही एक बड़े साम्राज्य का निर्माण कर सका था।
  • अकबर के दरबार में 9 विशेष दरबारी थे जिन्हें अकबर के नवरत्न के नाम से भी जाना जाता है। .... और पढ़ें
चयनित चित्र

बाज़ार पैमाना और वज़न मोहनजोदाड़ो

बाज़ार पैमाना और वज़न मोहनजोदाड़ो
कुछ चुने हुए लेख
पर्यटन श्रेणी वृक्ष

संबंधित लेख