देवप्रस्थ
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देवप्रस्थ का उल्लेख महाभारत में हुआ है। महाभारत के वर्णन के अनुसार अर्जुन ने अपनी दिग्विजय यात्रा के प्रसंग में देवप्रस्थ को जीता था।
- देवप्रस्थ में सेनाबिंदु की राजधानी थी-
'सदेवप्रस्थमासाद्य सेनाबिंदो: पुरंप्रति, बलेन चतुरंगेण निवेशमकरोत् प्रभु:'[1]
- प्रसंगानुसार देवप्रस्थ की स्थिति हिमाचल प्रदेश में कुल्लू के अंतर्गत मानी जा सकती है।
- महाभारत, सभापर्व[2] में पौरव नरेश विश्वगण पर अर्जुन के आक्रमण का उल्लेख है, जो अलक्षेंद्र के समय के पुरु या 'पोरस' का पूर्वज हो सकता है।
- इसका राज्य पश्चिमी पंजाब (पाकिस्तान) में स्थित था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 444 |