श्रीभगवान् बोले-
मुझमें मन को एकाग्र करके निरन्तर मेरे भजन-ध्यान में लगे हुए जो भक्तजन अतिशय श्रेष्ठ श्रद्धा से युक्त होकर मुझ सगुण रूप परमेश्वर को भजते हैं, वे मुझ को योगियों में अति उत्तम योगी मान्य हैं ।।2।।
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Shri Bhagavan said-
I consider them to be the best yogis, who endowed with supreme faith, and ever united through meditation with me, worship me with the mind centred on me. (2)
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