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− | हे निष्पाप < | + | हे निष्पाप [[अर्जुन]]<ref>[[महाभारत]] के मुख्य पात्र है। वे [[पाण्डु]] एवं [[कुन्ती]] के तीसरे पुत्र थे। सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर के रूप में वे प्रसिद्ध थे। [[द्रोणाचार्य]] के सबसे प्रिय शिष्य भी वही थे। [[द्रौपदी]] को [[स्वयंवर]] में भी उन्होंने ही जीता था।</ref> ! इस प्रकार यह अति रहस्य युक्त गोपनीय शास्त्र मेरे द्वारा कहा गया, इसको तत्त्व से जानकर मनुष्य ज्ञानवान् और कृतार्थ हो जाता है ।।20।। |
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11:18, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-15 श्लोक-20 / Gita Chapter-15 Verse-20
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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