"महाप्रास्थानिक पर्व महाभारत" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
छो (Text replace - "{{महाभारत}}" to "==अन्य लिंक== {{महाभारत}}") |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | |||
− | |||
महाप्रास्थानिक पर्व में मात्र 3 अध्याय हैं। इस पर्व में [[द्रौपदी]] सहित [[पाण्डव|पाण्डवों]] का महाप्रस्थान वर्णित है। [[वृष्णि संघ|वृष्णि]]वंशियों का [[श्राद्ध]] करके, प्रजाजनों की अनुमति लेकर द्रौपदी के साथ [[युधिष्ठिर]] आदि पाण्डव महाप्रस्थान करते हैं, किन्तु युधिष्ठिर के अतिरिक्त सबका देहपात मार्ग में ही हो जाता है। इन्द्र और धर्म से युधिष्ठिर की बातचीत होती है और युधिष्ठिर को सशरीर स्वर्ग मिलता है। | महाप्रास्थानिक पर्व में मात्र 3 अध्याय हैं। इस पर्व में [[द्रौपदी]] सहित [[पाण्डव|पाण्डवों]] का महाप्रस्थान वर्णित है। [[वृष्णि संघ|वृष्णि]]वंशियों का [[श्राद्ध]] करके, प्रजाजनों की अनुमति लेकर द्रौपदी के साथ [[युधिष्ठिर]] आदि पाण्डव महाप्रस्थान करते हैं, किन्तु युधिष्ठिर के अतिरिक्त सबका देहपात मार्ग में ही हो जाता है। इन्द्र और धर्म से युधिष्ठिर की बातचीत होती है और युधिष्ठिर को सशरीर स्वर्ग मिलता है। | ||
==अन्य लिंक== | ==अन्य लिंक== |
12:46, 18 मई 2010 का अवतरण
महाप्रास्थानिक पर्व में मात्र 3 अध्याय हैं। इस पर्व में द्रौपदी सहित पाण्डवों का महाप्रस्थान वर्णित है। वृष्णिवंशियों का श्राद्ध करके, प्रजाजनों की अनुमति लेकर द्रौपदी के साथ युधिष्ठिर आदि पाण्डव महाप्रस्थान करते हैं, किन्तु युधिष्ठिर के अतिरिक्त सबका देहपात मार्ग में ही हो जाता है। इन्द्र और धर्म से युधिष्ठिर की बातचीत होती है और युधिष्ठिर को सशरीर स्वर्ग मिलता है।