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इस [[श्लोक]] में [[कर्ण]] की दिग्विजययात्रा के प्रसंग में पूर्व [[भारत]] के उन प्रदेशों का वर्णन है जिन्हें कर्ण ने विजित किया था। कर्कखंड, जैसा कि प्रसंग से सूचित होता है, [[बिहार]] या [[बंगाल]] के किसी प्रदेश का नाम होगा।  
 
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09:20, 21 अक्टूबर 2014 का अवतरण

'अंगान् वंगान् कलिंगांश्च शुंडिकान् मिथिलानथ,
मागधान् कर्कखंडांश्च निवेश्य विषयेऽऽत्मन:।'[1]

इस श्लोक में कर्ण की दिग्विजययात्रा के प्रसंग में पूर्व भारत के उन प्रदेशों का वर्णन है जिन्हें कर्ण ने विजित किया था। कर्कखंड, जैसा कि प्रसंग से सूचित होता है, बिहार या बंगाल के किसी प्रदेश का नाम होगा।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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