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− | इस प्रकार जब समस्त कुल में पाप फैल जाता है तब क्या होता है, < | + | इस प्रकार जब समस्त कुल में पाप फैल जाता है तब क्या होता है, [[अर्जुन]]<ref>[[महाभारत]] के मुख्य पात्र है। [[पाण्डु]] एवं [[कुन्ती]] के वह तीसरे पुत्र थे। अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वह [[द्रोणाचार्य]] का सबसे प्रिय शिष्य था। [[द्रौपदी]] को [[स्वयंवर]] में जीतने वाला भी वही था।</ref> अब उसे बतलाते हैं – |
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13:22, 3 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-1 श्लोक-40 / Gita Chapter-1 Verse-40
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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