एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।
इच्छा द्वेष: सुखं दु:खं संघातश्चेतना धृति: । एतत्क्षेत्रं समासेन सविकारमुदाहृतम् ।।6।।
तथा इच्छा, द्वेष, सुख, दु:ख, स्थूल देह का पिण्ड, चेतना और धृति – इस प्रकार विकारों के सहित यह क्षेत्र संक्षेप में कहा गया हैं ।।6।।
Also desire, aversion, pleasure, pain the physical body, consciousness, firmness: thus is the ksetra, with its evolutes, briefly states. (6)
इच्छा = इच्छा ; द्वेष: = द्वेष ; सुखम् = सुख ; दु:खम् = दु:ख (और) ; संघात: = स्थूल देहका पिण्ड (एवं) ; चेतना = चेतनता (और) ; धृति: = धृति (इस प्रकार) ; इतत् = यह ; क्षेत्रम् = क्षेत्र ; सविकारम् = विकारों के सहित ; समासेन = संक्षेप से ; उदाहृतम् = कहा गया ;
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34