हे अर्जुन[1] ! जो भक्त मुझे जिस प्रकार भजते हैं, मैं भी उनको उसी प्रकार भजता हूँ; क्योंकि सभी मनुष्य सब प्रकार से मेरे ही मार्ग का अनुसरण करते हैं ।।11।।
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Arjuna, howsoever men seek Me; even so do I approach them; for all men follow My path in every way. (11)
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