हे परन्तप[2] अर्जुन ! द्रव्यमय यज्ञ की अपेक्षा ज्ञान यज्ञ अत्यन्त श्रेष्ठ है, तथा यावन्मात्र सम्पूर्ण कर्म ज्ञान में समाप्त हो जाते हैं ।।33।।
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Arjuna, sacrifice through knowledge is superior to sacrifice performed with material things. For all actions without exception culminate in knowledge, O son of Kunti.(33)
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