हे मधुसूदन[1] ! यहाँ अधियज्ञ कौन है ? और वह इस शरीर में कैसे हैं ? तथा युक्तचित्त वाले पुरुषों द्वारा अन्त समय में आप किस प्रकार जानने में आते हैं ।।2।।
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How does this Lord of sacrifice live in the body, and in which part does He live, O Madhusudana? And how can those engaged in devotional service know You at the time of death? (2)
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