"गीता 15:4": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "{{गीता2}}" to "{{प्रचार}} {{गीता2}}") |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
<table class="gita" width="100%" align="left"> | <table class="gita" width="100%" align="left"> | ||
<tr> | <tr> | ||
पंक्ति 10: | पंक्ति 9: | ||
---- | ---- | ||
इस प्रकार वैराग्य रूप शस्त्र द्वारा संसार का छेदन करके क्या करना चाहिए, अब इसे बतलाते हैं- | इस प्रकार वैराग्य रूप शस्त्र द्वारा संसार का छेदन करके क्या करना चाहिए, अब इसे बतलाते हैं- | ||
---- | ---- | ||
<div align="center"> | <div align="center"> | ||
पंक्ति 59: | पंक्ति 57: | ||
<tr> | <tr> | ||
<td> | <td> | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{गीता2}} | {{गीता2}} | ||
</td> | </td> |
10:48, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-15 श्लोक-4 / Gita Chapter-15 Verse-4
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
||||