"गीता 15:5": अवतरणों में अंतर
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अब उपर्युक्त प्रकार से आदि पुरुष परम पद स्वरूप परमेश्वर की शरण होकर उसको प्राप्त हो जाने वाले पुरुषों के लक्षण बतलाये गये हैं- | अब उपर्युक्त प्रकार से आदि पुरुष परम पद स्वरूप परमेश्वर की शरण होकर उसको प्राप्त हो जाने वाले पुरुषों के लक्षण बतलाये गये हैं- | ||
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10:48, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-15 श्लोक-5 / Gita Chapter-15 Verse-5
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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