"गीता 17:8": अवतरणों में अंतर
छो (1 अवतरण) |
No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
<table class="gita" width="100%" align="left"> | <table class="gita" width="100%" align="left"> | ||
<tr> | <tr> | ||
पंक्ति 9: | पंक्ति 8: | ||
'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
---- | ---- | ||
पूर्व श्लोक में भगवान् ने आहार, यज्ञ, तप और दान भेद सुनने की आज्ञा की है; उस के अनुसार इस श्लोक में ग्रहण करने योग्य सात्त्विक आहार का वर्णन करते हैं- | पूर्व [[श्लोक]] में भगवान् ने आहार, [[यज्ञ]], तप और दान भेद सुनने की आज्ञा की है; उस के अनुसार इस श्लोक में ग्रहण करने योग्य सात्त्विक आहार का वर्णन करते हैं- | ||
---- | ---- | ||
<div align="center"> | <div align="center"> | ||
पंक्ति 56: | पंक्ति 55: | ||
<tr> | <tr> | ||
<td> | <td> | ||
{{ | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{गीता2}} | |||
</td> | </td> | ||
</tr> | </tr> | ||
<tr> | <tr> | ||
<td> | <td> | ||
{{ | {{महाभारत}} | ||
</td> | </td> | ||
</tr> | </tr> |
12:49, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-17 श्लोक-8 / Gita Chapter-17 Verse-8
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
||||