"गीता 12:7": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "करनेवाला" to "करने वाला") |
||
पंक्ति 30: | पंक्ति 30: | ||
|- | |- | ||
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | | style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | ||
पार्थ = हे अर्जुन; तेषाम् = उन; मयि = मेरेमें; आवेशितचेतसाम् = चित्त को लगानेवाले प्रेमीभक्तों का; अहम् = मैं; नचिरात् = शीघ्र ही; मृत्युसंसारसागरात् = मृत्युरूप संसारसमुद्रसे; समुद्धर्ता = उद्धार | पार्थ = हे अर्जुन; तेषाम् = उन; मयि = मेरेमें; आवेशितचेतसाम् = चित्त को लगानेवाले प्रेमीभक्तों का; अहम् = मैं; नचिरात् = शीघ्र ही; मृत्युसंसारसागरात् = मृत्युरूप संसारसमुद्रसे; समुद्धर्ता = उद्धार करने वाला; भवामि = होता हूं | ||
|- | |- | ||
|} | |} |
13:52, 6 सितम्बर 2017 का अवतरण
गीता अध्याय-12 श्लोक-7 / Gita Chapter-12 Verse-7
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
||||