"गीता 17:7": अवतरणों में अंतर
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त्रिविध स्वाभाविक श्रद्धा वालों के तथा घोर तप करने वाले लोगों के लक्षण बतलाकर अब भगवान् सात्त्विक का ग्रहण और राजस-तामस का त्याग कराने के उद्देश्य से सात्विक राजस तामस आहार, यज्ञ, तप और दान के भेद सुनने के लिये <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर | त्रिविध स्वाभाविक श्रद्धा वालों के तथा घोर तप करने वाले लोगों के लक्षण बतलाकर अब भगवान् सात्त्विक का ग्रहण और राजस-तामस का त्याग कराने के उद्देश्य से सात्विक राजस तामस आहार, यज्ञ, तप और दान के भेद सुनने के लिये <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर में जीतने वाला वो ही था। | ||
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07:48, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-17 श्लोक-7 / Gita Chapter-17 Verse-7
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