"गीता 8:28": अवतरणों में अंतर
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योगी पुरुष इस रहस्य को | योगी पुरुष इस रहस्य को तत्त्व से जानकर वेदों के पढ़ने में तथा यज्ञ, तप और दानादि के करने में जो पुण्यफल कहा है, उस सबको नि:सन्देह उल्लंघन कर जाता है और सनातन परमपद को प्राप्त होता है ।।28।। | ||
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07:00, 17 जनवरी 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-8 श्लोक-28 / Gita Chapter-8 Verse-28
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