"गीता 12:8": अवतरणों में अंतर
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इस प्रकार पूर्व श्लोकों में निर्गुण उपासना की अपेक्षा सगुण-उपासना की सुगमता का प्रतिपादन किया गया । इसलिये अब भगवान् <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर | इस प्रकार पूर्व श्लोकों में निर्गुण उपासना की अपेक्षा सगुण-उपासना की सुगमता का प्रतिपादन किया गया । इसलिये अब भगवान् <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर में जीतने वाला वो ही था। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">अर्जुन</balloon> को उसी प्रकार मन, बुद्धि लगाकर सगुण-उपासना करने की आज्ञा देते हैं- | ||
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07:47, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-12 श्लोक-8 / Gita Chapter-12 Verse-8
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