"गीता 12:1": अवतरणों में अंतर
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'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
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निर्गुण-निराकार और सगुण-साकार की उपासना करने वाले दोनों प्रकार के उपासकों में उत्तम उपासक कौन है, इसी जिज्ञासा के अनुसार <balloon link=" | निर्गुण-निराकार और सगुण-साकार की उपासना करने वाले दोनों प्रकार के उपासकों में उत्तम उपासक कौन है, इसी जिज्ञासा के अनुसार <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर मे जीतने वाला वो ही था। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">अर्जुन</balloon> पूछ रहे हैं- | ||
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'''अर्जुन बोले:''' | '''अर्जुन बोले:''' | ||
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जो अनन्य प्रेमी भक्तजन पूर्वोक्त प्रकार से निरन्तर आपके भजन-ध्यान में लगे रहकर आप सगुणरूप परमेश्वर को और दूसरे जो केवल अविनाशी सच्चिदानन्दघन निराकार <balloon link=" | जो अनन्य प्रेमी भक्तजन पूर्वोक्त प्रकार से निरन्तर आपके भजन-ध्यान में लगे रहकर आप सगुणरूप परमेश्वर को और दूसरे जो केवल अविनाशी सच्चिदानन्दघन निराकार <balloon link="ब्रह्मा" title="सर्वश्रेष्ठ पौराणिक त्रिदेवों में ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव की गणना होती है। इनमें ब्रह्मा का नाम पहले आता है, क्योंकि वे विश्व के आद्य सृष्टा, प्रजापति, पितामह तथा हिरण्यगर्भ हैं। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">ब्रह्मा</balloon> को ही अतिश्रेष्ठ भाव से भजते हैं- उन दोनों प्रकार के उपासकों में अति उत्तम योगवेत्ता कौन हैं ? ।।1।। | ||
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10:49, 21 मार्च 2010 का अवतरण
गीता अध्याय-12 श्लोक-1 / Gita Chapter-12 Verse-1
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