हे निष्पाप अर्जुन[1] ! इस प्रकार यह अति रहस्य युक्त गोपनीय शास्त्र मेरे द्वारा कहा गया, इसको तत्त्व से जानकर मनुष्य ज्ञानवान् और कृतार्थ हो जाता है ।।20।।
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Arjuna, this most esoteric teaching has thus been imparted by Me; grasping it in essence man becomes wise and his mission in life is accomplished.(20)
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