यदि तू मन को मुझमें अचल स्थापन करने के लिये समर्थ नहीं है तो हे <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर में जीतने वाला वो ही था।
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">अर्जुन</balloon> ! अभ्यास रूप योग के द्वारा मुझको प्राप्त होने के लिये इच्छा कर ।।9।।
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If you cannot stadily fix the mind on me. Arjuna, then seek to attain me through the yoga of repeated practice. (9)
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