मेरे परमभाव को न जानने वाले मूढ लोग मनुष्य का शरीर धारण करने वाले मुझ सम्पूर्ण भूतों के महान् ईश्वर को तुच्छ समझते हैं अर्थात् अपनी योग माया से संसार के उद्धार के लिये मनुष्य रूप में विचरते हुए मुझ परमेश्वर को साधारण मनुष्य मानते हैं ।।11।।
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Fools, not knowing my supreme nature, think low of me, the overlord of the entire creation, who have put on the human semblance. (That is to say, they take me, who have appeared in human garb through my yogamaya for the deliverance of the world, for an ordinary mortal). (11)
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