वह शीघ्र ही धर्मात्मा हो जाता है और सदा रहने वाली परम शान्ति को प्राप्त होता है । हे अर्जुन[1] ! तू निश्चयपूर्वक सत्य जान कि मेरा भक्त नष्ट नहीं होता ।।31।।
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Speedily be becomes virtuous and secures lasting peace. Know it for certain. Arjuna, that my devotee never falls. (31)
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