"गीता 8:26": अवतरणों में अंतर
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क्योंकि जगत् के ये दो प्रकार के – शुक्ल और कृष्ण अर्थात् देवयान और पितृयान मार्ग सनातन माने गये | क्योंकि जगत् के ये दो प्रकार के – शुक्ल और कृष्ण अर्थात् देवयान और पितृयान मार्ग सनातन माने गये हैं। इनमें एक के द्वारा गया हुआ – जिससे वापस नहीं लौटना पड़ता, उस परम गति को प्राप्त होता है और दूसरे के द्वारा गया हुआ फिर वापस आता है अर्थात् जन्म-मृत्यु को प्राप्त होता है ।।26।। | ||
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==संबंधित लेख== | |||
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09:39, 5 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-8 श्लोक-26 / Gita Chapter-8 Verse-26
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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