"गीता 4:26": अवतरणों में अंतर
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अन्य योगीजन श्रोत्र आदि समस्त इन्द्रियों को संयम रूप अग्नियों में हवन किया करते हैं और दूसरे योगी लोग शब्दादि समस्त विषयों को इन्द्रिय रूप अग्नियों में हवन किया करते हैं ।।26।। | अन्य योगीजन श्रोत्र आदि समस्त [[इन्द्रियाँ|इन्द्रियों]] को संयम रूप अग्नियों में हवन किया करते हैं और दूसरे योगी लोग शब्दादि समस्त विषयों को इन्द्रिय रूप अग्नियों में हवन किया करते हैं ।।26।। | ||
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==संबंधित लेख== | |||
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12:33, 4 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-4 श्लोक-26 / Gita Chapter-4 Verse-26
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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