"गीता 9:13": अवतरणों में अंतर
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भगवान् प्रभाव न जानने वाले असुरी प्रकृति के मनुष्यों की निन्दा करके अब सगुण रूप की भक्ति का | भगवान् प्रभाव न जानने वाले असुरी प्रकृति के मनुष्यों की निन्दा करके अब सगुण रूप की भक्ति का तत्त्व समझाने के लिये भगवान् के प्रभाव को जानने वाले, दैवीय प्रकृति के आश्रित, उच्च श्रेणी के अनन्य भक्तों के लक्षण बतलाते हैं- | ||
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07:00, 17 जनवरी 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-9 श्लोक-13 / Gita Chapter-9 Verse-13
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