"गीता 4:1": अवतरणों में अंतर
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मैंने इस अविनाशी योग को सूर्य से कहा था, <balloon link="सूर्य" title="सूर्य महर्षि कश्यप के पुत्र हैं। वे महर्षि कश्यप की पत्नी अदिति के गर्भ से उत्पन्न हुए। | मैंने इस अविनाशी योग को सूर्य से कहा था, <balloon link="सूर्य" title="सूर्य महर्षि कश्यप के पुत्र हैं। वे महर्षि कश्यप की पत्नी अदिति के गर्भ से उत्पन्न हुए। | ||
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">सूर्य</balloon> ने अपने पुत्र <balloon link="वैवस्वत" title="महाभारत में | ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">सूर्य</balloon> ने अपने पुत्र <balloon link="वैवस्वत" title="महाभारत में 8 मनुओं का उल्लेख है। इनमें से वैवस्वत मनु का संबंध कामायनी के नायक से जोड़ा जा सकता है। | ||
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">वैवस्वत मनु </balloon> से कहा और मनु ने अपने पुत्र राजा <balloon link="इक्ष्वाकु" title="इक्ष्वाकु अयोध्या के राजा थे, इन्होंने ही अयोध्या में कोशल राज्य की स्थापना की थी। | ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">वैवस्वत मनु </balloon> से कहा और मनु ने अपने पुत्र राजा <balloon link="इक्ष्वाकु" title="इक्ष्वाकु अयोध्या के राजा थे, इन्होंने ही अयोध्या में कोशल राज्य की स्थापना की थी। | ||
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">इक्ष्वाकु</balloon> से कहा ।।1।। | ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">इक्ष्वाकु</balloon> से कहा ।।1।। |
09:02, 7 अप्रैल 2010 का अवतरण
गीता अध्याय-4 श्लोक-1 / Gita Chapter-4 Verse-1
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