"गीता 9:30": अवतरणों में अंतर
छो (Text replace - "<td> {{महाभारत}} </td> </tr> <tr> <td> {{गीता2}} </td>" to "<td> {{गीता2}} </td> </tr> <tr> <td> {{महाभारत}} </td>") |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "नही " to "नहीं ") |
||
पंक्ति 22: | पंक्ति 22: | ||
|- | |- | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
यदि कोई अतिशय दुराचारी भी अनन्य भाव से मेरा भक्त होकर मुझको भजता है तो वह साधु ही मानने योग्य है; क्योंकि वह यथार्थ निश्चय वाला है । अर्थात् उसने भली भाँति निश्चय कर लिया है कि परमेश्वर भजन के समान अन्य कुछ भी | यदि कोई अतिशय दुराचारी भी अनन्य भाव से मेरा भक्त होकर मुझको भजता है तो वह साधु ही मानने योग्य है; क्योंकि वह यथार्थ निश्चय वाला है । अर्थात् उसने भली भाँति निश्चय कर लिया है कि परमेश्वर भजन के समान अन्य कुछ भी नहीं है ।।30।। | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| |
13:31, 6 मई 2010 का अवतरण
गीता अध्याय-9 श्लोक-30 / Gita Chapter-9 Verse-30
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||