"गीता 8:24": अवतरणों में अंतर
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पूर्व श्लोक में जिन दो मार्गों का वर्णन करने की प्रतिज्ञा की गयी, उनमें से जिस मार्ग से गये हुए साधक वापस नहीं लौटते, उनका वर्णन पहले किया जाता है- | पूर्व [[श्लोक]] में जिन दो मार्गों का वर्णन करने की प्रतिज्ञा की गयी, उनमें से जिस मार्ग से गये हुए साधक वापस नहीं लौटते, उनका वर्णन पहले किया जाता है- | ||
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जिस मार्ग में ज्योतिर्मय अग्नि अभिमानी [[देवता]] है, दिन का अभिमानी देवता है, शुक्ल पक्ष का अभिमानी देवता है और उत्तरायण के छ: महीनों का अभिमानी देवता है, उस मार्ग में मरकर गये हुए ब्रह्रावेत्ता योगीजन उपर्युक्त देवताओं द्वारा क्रम से ले जाये जाकर ब्रह्रा को प्राप्त होते हैं ।।24।। | जिस मार्ग में ज्योतिर्मय अग्नि अभिमानी [[देवता]] है, दिन का अभिमानी देवता है, [[शुक्ल पक्ष]] का अभिमानी [[देवता]] है और उत्तरायण के छ: महीनों का अभिमानी देवता है, उस मार्ग में मरकर गये हुए ब्रह्रावेत्ता योगीजन उपर्युक्त देवताओं द्वारा क्रम से ले जाये जाकर ब्रह्रा को प्राप्त होते हैं ।।24।। | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
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09:36, 5 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-8 श्लोक-24 / Gita Chapter-8 Verse-24
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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