विज्ञान

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क्रमबद्ध एवं विशिष्ट ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। विज्ञान से आशय ऐसे ज्ञान से है, जो यथार्थ हो, जिसका परीक्षण और प्रयोग किया जा सके तथा जिसके बारे में भविष्यवाणी सम्भव हो। इसके सिद्धान्त और नियम सार्वदेशिक और सार्वकालिक होते हैं तथा इनका विशद विवेचन सम्भव है। विज्ञान अंग्रेज़ी के शब्द साइन्स (Science) का हिन्दी रूपान्तर है, इसकी उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द Scientia से हुई है। Scientia का अर्थ है, ज्ञान या जानना। वास्तव में इस भौतिक जगत में कुछ भी घटित हो रहा है, उसका क्रमबद्ध अध्ययन ही विज्ञान है। यह स्पष्ट हम अपने चारों ओर की सृष्टि का ज्ञान अपनी ज्ञानेन्द्रियों द्वारा कर सकते हैं, परन्तु इस भौतिक जगत में कुछ ऐसी अत्यन्त सूक्ष्म क्रियाएँ हैं, जिनका ज्ञान हम सीधे अपनी इन्द्रियों से नहीं कर सकते। इसके हमें अत्यन्त सूक्ष्मग्राही यन्त्रों का उपयोग करना पड़ सकता है। यहाँ प्रश्न उठता है कि ज्ञान से विज्ञान का क्या सम्बन्ध है? वास्तव में प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन करना तथा उनमें आपस में सम्बन्ध ज्ञात करने का नाम ही 'विज्ञान' हैं थॉमस हॉब्स के अनुसार:-

Science is the knowledge of consequences and dependence of one fact upon another.

प्राकृतिक विज्ञान

मानव आदिकाल से ही अपने चारों ओर घटित प्राकृतिक दृश्यों, घटनाओं आदि को देखता रहा है। आकाश का नीला दिखाई देना, उगते व डूबते सूर्य का लाल दिखाई देना, बादल में बिजली चमकना व कड़कना, समुद्र में ज्वार–भाटा आना, वर्षा के बाद इन्द्रधनुष का दिखायी देना आदि प्राकृतिक घटनाओं को जानने के लिए प्रारम्भ से मानव उत्सुक रहा होगा तथा इनकी खोज अपनी मात्र बुद्धि एवं तर्कपूर्ण अनुमान से ही, बल्कि प्रयोगों द्वारा करता रहा होगा। इस प्रकार से अध्ययन से मानव ने यह निष्कर्ष निकाला कि हर घटना किसी प्राकृतिक के अनुसार ही होती है व सुव्यवस्थित जानकारी को प्राकृतिक विज्ञान कहते हैं।

विज्ञान की शाखाएँ

जैसे–जैसे मनुष्य के ज्ञान का क्षेत्र विस्तृत होता गया, वैसे–वैसे विज्ञान में भी नये–नये क्षेत्र विकसित होते गए। वर्तमान में विज्ञान का क्षेत्र इतना विस्तृत हो गया कि वैज्ञानिकों ने इसे अलग–अलग भागों में बाँट दिया, ताकि इसके अध्ययन में आसानी हो सके। आज विज्ञान की कुछ मुख्य शाखाएँ इस प्रकार हैं—

  1. भौतिक विज्ञान
  2. रसायन विज्ञान
  3. जन्तु विज्ञान
  4. वनस्पति विज्ञान
  5. खगोल विज्ञान
  6. भू–विज्ञान

समाचार

3 फ़रवरी, 2012 शुक्रवार

अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान सूची में सात भारतीय

सात भारतीय अमेरिकी 'इंटरनेशनल साइंस टेलेंट सर्च' की 40 अंतिम उम्मीदवारों की सूची में स्थान हासिल करने में कामयाब रहे हैं। अमेरिका में यह हाईस्कूल छात्रों के लिए विज्ञान और गणित के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रतिष्ठित प्रतिस्पर्धा होती है। 'इंटरनेशनल साइंस टेलेंट सर्च' के अंतिम 40 उम्मीदवारों में जिन छात्रों ने स्थान हासिल किया है वे अमेरिका के सर्वाधिक प्रतिष्ठित हाईस्कूलों के वरिष्ठ छात्र हैं जिनमें दुनिया की पेचीदा चुनौतियों को सुलझाने की क्षमता है। ये सभी मार्च महीने में वाशिंगटन में एकत्र होंगे और 630,000 डॉलर मूल्य के पुरस्कारों के लिए प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगे। इसमें शीर्ष विजेता को इंटेल फाउंडेशन की ओर से एक लाख अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार मिलेगा। इस सूची में दो अमेरिकी भारतीय कैलिफोर्निया के सौरभ शरन तथा सयोनी साहा, मिशिगन से सिद्धार्थ गौतम जेना और नितिन रेड्डी तुम्मा, फ्लोरिडा से नील एस पटेल, इंडियाना से अनिरुद्ध प्रभु और न्यूयॉर्क से नील कमलेश शामिल हैं।

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