इसलिये हे <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर मे जीतने वाला वो ही था।
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">अर्जुन</balloon> ! तू सब समय में निरन्तर मेरा स्मरण कर और युद्ध भी कर । इस प्रकार मुझ में अर्पण किये हुए मन- बुद्धि से युक्त होकर तू नि:सन्देह मुझ को ही प्राप्त होगा ।।7।।
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Therefore, Arjuna, think of me all times and fight. With mind and reason thus set on me, you will doubtless come to me. (7)
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