यह आत्मा अव्यक्त है, यह आत्मा अचिन्त्य है और यह आत्मा विकार रहित कहा जाता है । इससे हे अर्जुन[1] ! इस आत्मा को उपर्युक्त प्रकार से जानकर तू शोक करने के योग्य नहीं है अर्थात् तुझे शोक करना उचित नहीं है ।।25।।
|
This soul is unmanifest, it is unthinkable, and it is spoken of as immutable. Therefore, knowing this as such, you should not grieve.(25)
|