माया के द्वारा जिनका ज्ञान हरा जा चुका है, ऐसे आसुर-स्वभाव को धारण किये हुए, मनुष्यों में नीच, दूषित कर्म करने वाले मूढ़ लोग मुझको नहीं भजते हैं ।।15।।
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Those whose wisdom has been carried away by maya, and who have embraced the demoniac nature, such foolish and vile men of evil deeds do not adore Me.(15)
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