बहुत जन्मों के अन्त में तत्त्व ज्ञान को प्राप्त पुरुष, सब कुछ वासुदेव ही है- इस प्रकार मुझ को जो भजता है, वह महात्मा अत्यन्त दुर्लभ है ।।19।।
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In the very last of all births the enlightened soul worships me, realizing that all this is God. Such a great soul is very rare.(19)
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