हे भरतवंशियों में श्रेष्ठ अर्जुन[1] । उत्तम कर्म करने वाले अर्थार्थी, आर्त्त, जिज्ञासु और ज्ञानी- ऐसे चार प्रकार के भक्तजन मुझ को भजते हैं। ।।16।।
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Four types of devotees of noble deeds worship Me, Arjuna, the seeker after worldly possession, the afflicted, the seeker for knowledge, and man of wisdom, O best of Bharatas.(16)
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