हे अर्जुन[1] ! मैं जल में रस हूँ, चन्द्रमा[2] और सूर्य[3] में प्रकाश हूँ, सम्पूर्ण वेदों[4] में ओंकार हूँ तथा आकाश में शब्द और पुरुषों में पुरुषत्व हूँ ।।8।।
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Arjuna, I am the sapidity in water and the light of the moon and the sun; I am the sacred syllable OM in all the Vedas, the sound in ether; and the manlinss in men.(8)
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