"गीता 9:17": अवतरणों में अंतर
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इस सम्पूर्ण जगत् का धाता अर्थात् धारण करने वाला एवं कर्मों के फल को देने वाला, पिता, माता, पितामह, जानने योग्य, पवित्र ओंकार तथा [[ॠग्वेद]], [[सामवेद]] और [[यजुर्वेद]] भी मैं ही हूँ ।।17।। | इस सम्पूर्ण जगत् का धाता अर्थात् धारण करने वाला एवं कर्मों के फल को देने वाला, [[पिता]], [[माता]], पितामह, जानने योग्य, पवित्र ओंकार तथा [[ॠग्वेद]], [[सामवेद]] और [[यजुर्वेद]] भी मैं ही हूँ ।।17।। | ||
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10:33, 5 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-9 श्लोक-17 / Gita Chapter-9 Verse-17
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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