"गीता 9:24": अवतरणों में अंतर
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अन्य देवताओं के पूजन करने वालों की पूजा भगवान् की विधिपूर्वक पूजा नहीं हैं, यह कहकर अब वैसी पूजा करने वाले मनुष्य भगवत्प्राप्ति रूप फल से वन्चित रहते हैं, इसका स्पष्ट रूप से निरूपण करते हैं- | अन्य [[देवता|देवताओं]] के पूजन करने वालों की [[पूजा]] भगवान् की विधिपूर्वक पूजा नहीं हैं, यह कहकर अब वैसी पूजा करने वाले मनुष्य भगवत्प्राप्ति रूप फल से वन्चित रहते हैं, इसका स्पष्ट रूप से निरूपण करते हैं- | ||
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क्योंकि सम्पूर्ण यज्ञों का भोक्ता और स्वामी भी मैं ही हूँ; परंतु वे मुझ परमेश्वर को | क्योंकि सम्पूर्ण यज्ञों का भोक्ता और स्वामी भी मैं ही हूँ; परंतु वे मुझ परमेश्वर को तत्त्व से नहीं जानते, इसी से गिरते हैं अर्थात् पुनर्जन्म को प्राप्त करते हैं ।।24।। | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
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==संबंधित लेख== | |||
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11:03, 5 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-9 श्लोक-24 / Gita Chapter-9 Verse-24
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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