"गीता 2:2": अवतरणों में अंतर
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'''श्रीभगवान् बोले-''' | '''श्रीभगवान् बोले-''' | ||
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हे < | हे [[अर्जुन]]<ref>[[महाभारत]] के मुख्य पात्र है। [[पाण्डु]] एवं [[कुन्ती]] के वह तीसरे पुत्र थे। अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वह [[द्रोणाचार्य]] का सबसे प्रिय शिष्य था। [[द्रौपदी]] को [[स्वयंवर]] में जीतने वाला भी वही था।</ref> ! तुझे इस असमय में यह मोह किस हेतु से प्राप्त हुआ? क्योंकि न तो यह श्रेष्ठ पुरुषों द्वारा आचरित है, न स्वर्ग को देने वाला है और न कीर्ति को करने वाला ही है ।।2।। | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
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==संबंधित लेख== | |||
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13:52, 3 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-2 श्लोक-2 / Gita Chapter-2 Verse-2
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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