"गीता 9:9": अवतरणों में अंतर
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इस प्रकार जगत्- रचनादि समस्त कर्म करते हुए भी भगवान् उन कर्मों के बन्धन में क्यों नहीं पड़ते, अब यही | इस प्रकार जगत्- रचनादि समस्त कर्म करते हुए भी भगवान् उन कर्मों के बन्धन में क्यों नहीं पड़ते, अब यही तत्त्व समझाने के लिये भगवान् कहते हैं- | ||
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07:00, 17 जनवरी 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-9 श्लोक-9 / Gita Chapter-9 Verse-9
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